Monday, January 24, 2011

तब हम दोनों वक्त चुरा कर लाते थे , अब मिलते हे जब भी वक्त होता हे

Tuesday, March 23, 2010

बस इतनी समज मुझे परवरदीगर दे॥
सुख जब भी , जहा भी मिले सबका ख़याल दे।
-मरीज़